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शेफालीवर्मा का जीवन परिचय | Cricketer Shafali verma biography in hindi

शेफालीवर्मा का जीवन परिचय (Cricketer Shafali verma biography in hindi) (cricket debut, career, records, family, net worth, age, style, Women premiere league, WPL 2023, WPL Team, Delhi capital Shafali verma IPL) भारत में क्रिकेट के प्रति लोगों का जो दीवानापन है उससे कोई अनजान नहीं है। भारत मे क्रिकेट को एक त्यौहार की तरह देखा जाता है, और जब बात आईपीएल(IPL) की हो तो क्रिकेट के दीवानों में उत्साह दोगुना हो जाता है।  आज हम आईपीएल की नहीं बल्कि वीमेन प्रीमीयर लीग (WPL) की बात करने जा रहे हैं जिसकी शुरुआत इसी वर्ष 2023 से हुई है। IPL की तरह ही अब लोगों में WPL के प्रति भी उत्साह बढ़ रहा है। तो चलिए आज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक उभरती सितारा शेफाली वर्मा वर्मा का जीवन परिचय(Shafali verma biography in hindi) पर विस्तार से चर्चा करते हैंं, जिन्होंंने अपनी आकर्षक बल्लेबाजी के चलते सभी क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर दिया है। दिल्ली कैपिटल(DC) की ओर से खेलते हुए रॉयल चैलेंजर बंगलुरू ( RCB) के खिलाफ खेले गए अपने पहले ही मैच में शानदर 84 रन बना कर सभी क्रिकेट प्रेमियों में आकर्षण

धीरेन्द्र कृष्ण बागेश्वर बाबा की जीवनी (Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi) क्या सच में चमत्कारी हैं बागेश्वर धाम बाबा

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बीते कुछ दिनों से ख़बरों में एक बाबा काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं, चाहे टीवी हो या सोशल मीडिया हर जगह सिर्फ एक ही नाम है, बागेश्वर धाम बाबा। हालाँकि इनका मूल नाम है महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लेकिन इन दिनों ये बागेश्वर धाम बाबा के नाम से प्रसिद्द हैं और लोग इन्हें हनुमान जी का अवतार तक मानने लगे हैं।  

धीरेन्द्र कृष्ण बागेश्वर बाबा का जीवन परिचय (Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi)
धीरेन्द्र कृष्ण बागेश्वर बाबा का जीवन परिचय (Dhirendra Krishna Shastri Biography in Hindi)


मध्य प्रदेश में एक जगह जो की बागेश्वर धाम  के नाम से प्रसिद्द है वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्नेवर धाम बाबा) अपना दरबार लगते हैं और वर्तमान समय में इनके लाखों भक्त हैं और इनके भक्त मानते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्नेवर धाम बाबा) साक्षात बजरंग बलि के अवतार हैं। ऐसा इसलिए है कि वो बिना बताये ही भक्तों के मन की बात जान जाते हैं और भक्तों की दुविधाओं का हल कर देते हैं। 

आज देशभर से लोग इनके पास अपनी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्नेवर धाम बाबा) को चमत्कारी बता रहे हैं।  लेकिन पिछले कुछ दिनों से लाखों श्रधालुओ के इन चहीते बाबा पर कुछ आरोप लगे हैं जिस वजह से ये सुर्खियों में आ गए हैं। और देशभर से लोग इनके बारे में जानना चाहते हैं। 

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्नेवर धाम बाबा) के जीवन के बारे में सब कुछ बताने वाले हैं कि कैसे ये इतने चहीते और चमत्कारी बने। 


धीरेंद्र शास्त्री का जीवन परिचय (Dhirendra shastri biography in hindi)

  • नाम (Name) - श्री धीरेन्द्र कृष्ण।
  • उपनाम (Nick Name) - बागेश्वर धाम।
  • प्रसिद्धि (Popularity) - बालाजी महाराज, बागेश्वर धाम बाबा।
  • जन्म (Birth) - 4 जुलाई 1996
  • जन्म स्थान (Birth Place) - गड़ा, छतरपुर, मध्य प्रदेश
  • धर्म (Religion) - हिन्दू।
  • पिता का नाम (Father's Name) - राम कृपाल गर्ग।
  • माता का नाम (Mother's Name) - सरोज गर्ग।
  • दादाजी का नाम (Grandfather's Name) - भगवान दास गर्ग।
  • भाई (Brother) - शालिग्राम गर्ग जी महाराज।
  • बहन का नाम - ज्ञात नहीं।  
  • जाति (Caste) - पंडित।
  • वैवाहिक स्थिति (Marital Status) - अविवाहित।
  • शैक्षिक योग्यता (Qualification) - कला वर्ग में स्नातक।
  • भाषा (Languages) - बुंदेली, संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी।
  • व्यवसाय (Occupation) - सनातन धर्म प्रचारक, कथावाचक, दिव्य दरबार, प्रमुख बागेश्वर धाम, यूट्यूबर।
  • गुरू  - श्री दादा जी महाराज सन्यासी बाबा।
  • नेटवर्थ (Nett Worth) - 19.5 करोड़

बागेश्वर धाम बाबा, महाराज  धीरेन्द्र शास्त्री का जन्म, उम्र, शुरूआती जीवन एवं परिवार (Bageshwar dham  baba Birth, Age, Family and Early Life)

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्नेवर धाम बाबा) का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर, मध्यप्रदेश में हुआ।  इनके गाँव का नाम गड़ा पंज गांव है और ये एक ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं।  इनके पिता का नाम राम कृपाल गर्ग औऱ मां का नाम सरोज गर्ग है। इनके माता पिता के अतिरिक्त इनके घर में  इनके दादाजी, इनकी एक बहन और एक छोटा भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज भी है। 

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण ने अपना शुरूआती जीवन अपने परिवार के साथ गावँ में ही  बिताया। जानकारी के लिए बता दें कि वे एक बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं, जिसके चलते उनके शुरुआती जीवन में सुख-सुविधाओं का बहुत अभाव रहा। जानकारी से पता चला है की महाराज धीरेन्द्र कृष्ण को बचपन से आध्यात्मिकता के प्रति काफी आकर्षण  रहा है। और उन्होंने आध्यात्म की शिक्षा अपने दादाजी से ग्रहण की थी। महाराज जी के दादाजी को आध्यात्म की अच्छी जानकारी थी। 

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम बाबा) की प्रारंभिक और उच्च शिक्षा  (Dhirendra Krishna  Shastri Primary and Higher Education)

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण ने (बाबा बागेश्वर धाम) ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के एक स्कूल से प्राप्त की। लेकिन आगे की पढाई के लिए उन्हें अपने  गांव से लगभग  5 किलोमीटर दूर एक सरकारी स्कूल में पढ़ने जाना पड़ा। और फिर बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद बाद उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से अपनी स्नातक की परीक्षा पास की।  जानकारी के लिए बता दें की उन्होंने कला वर्ग में  स्नातक किया है।  

हालाँकि उनका पढाई में इतना मन नहीं लगता था तो उन्होंने आगे की पढाई करने के बारे में नहीं सोचा और तब उन्होंने अपने दादा भगवान दास गर्ग जी से रामायण, महाभारत और पुराण मागकाव्य, भागवत कथा इत्यादि की शिक्षा ली और दरबार लगाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हुई। 

बाद में उन्होंने हनुमान जी की साधना शुरू की और मानते हैं कि बजरंग बली की साधना करने से उन्हें काम उम्र में ही सिद्धि-ज्ञान  प्राप्त हो गयी और फिर उन्हें  महाराज धीरेन्द्र शास्त्री और बाबा बागेश्वर धाम के नाम से जाने जाना लगा। 

कौन हैं महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के गुरू ? (Dhirendra Shastri Guru)

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था और ब्राह्मण परिवार होने की वजह से उनकी पूजा पाठ में आस्था होना स्वभाविक था, उनका पूरा परिवार बागेश्वर धाम को काफी मानता था और उनके परिवार में उनके दादाजी बागेश्वर धाम में सबसे ज्यादा मानते थे और वो बागेश्वर धाम में ही रहा करते थे।  इनके दादाजी के गुरु जो सन्यासी बाबा के नाम से जाने जाते थे उनका समाधी स्थल भी बागेश्वर धाम के नजदीक ही है।  मान्यता है की सन्यासी बाबा ने लगभग ३२० साल पहले इसी स्थान पर समाधी ली थी। और सन्यासी बाबा भी इसी वंश से सम्बन्ध रखते थे। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की धीरेन्द्र शास्त्री (बागेश्वर धाम बाबा) के दादा जी भगवान् दास गर्ग जी महाराज कई वर्षों से बागेश्वर धाम में दरबार लगाया करते थे और दादाजी को देखते हुए ही धीरेन्द्र शास्त्री के मन में भी  आस्था जागृत हुई और उन्होंने दरबार लगाने के लिए अर्जी लगा दी।  

इसके बाद उनके दादा जी ने उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार किया और यहीं से उन्होंने साडी सिद्धियों की शिक्षा ली और अपने आप को बागेश्वर धाम को समर्पित कर दिया।


क्या है बागेश्वर धाम का महत्व ? (What is the importance of Bageshwar Dham?)

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के गड़ा में कई वर्षों से  हनुमान जी का एक मंदिर स्थित है और इसी मंदिर को बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है । मुख्य रुप से यह मंदिर उसी गांव में स्थित है जहां महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म हुआ था। यहीं पर उनके दादाजी ने समाधि भी ली थी। शुरुआत में ये मंदर इतना प्रसिद्द नहीं था लेकिन अब यहां  दुनियाभर से  लोग आते हैं और अपने नाम की अर्जी लगाते हैं।

इस मंदिर में केवल मंगलवार को ही अपने नाम की अर्जी लगायी जा सकती है, ऐसा इसलिए है की मंगलवार बजरंगबली का दिन होता है।  और मंगलवार के अलावा हफ्ते के किसी भी दिन यहां अर्जी नहीं लगाई जाती है और जो कोई भी भक्त इस मंदिर में अर्जी लगाने आते हैं वो अपने साथ एक नारियल को लाल कपडे में बांधकर जरूर लाते हैं और फिर अर्जी लगते हैं।  

मान्यताओं के अनुसार अगर कोई भी नारियल को लाल कपडे में लपेटकर उसे मंदिर में बांधकर जाते हैं तो उनकी मनोकामना को बजरंगबली अवश्य पूरा करते हैं। यही कारण है की लोग देश के कोने-कोने से मंगलवार को यहां आते हैं और मंदिर में अपने नाम की अर्जी और नारयल बांधकर जाते हैं, जिससे जल्द से जल्द उनकी मनोकामना पूर्ण हो सके और वो सुखमय जीवन बिता सकें।  

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण के कथावाचक  बनने की कहानी (Dhirendra Shastri Bageshwar Baba Katha)

जैसे की हमने पहले ही इस लेख में अवगत कराया है की महाराज धीरेन्द्र कृष्णा शास्त्री का जन्म एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था और इसी के चलते अपने बचपन में उन्हें अपार संघर्षों का सामना करना पड़ा था, और इस गरीबी को छुटकारा पाने के लिए वो ऐसा रास्ता ढूँढना चाहते थे जिससे उनकी और उनके परिवार की गरीबी दूर हो सके।  यही कारण है की उन्होंने आगे बढ़कर काम करना शुरू किया।  इसी कड़ी में आगे उन्होंने कात्यनारायण की कथा का वाचन शुरू किया, जिसके कारन उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा।  और अब उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर कथा वाचन करने लगे। 


कैसे बने महाराज धीरेन्द्र कृष्ण पीठाधीश्वर बागेश्वर धाम बाबा  (Dhirendra Shastri Bageshwar Baba)

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी बागेश्वर धाम में गद्दी लगाया करते  थे। लेकिन उनके  दादाजी भगवान दास गर्ग  के समाधि लेने के बाद  महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर धाम का सारा भार आ गया और वो ही  अकेले थे जो उसे संभाल सकते थे। इसलिए उन्हें बागेश्वर धाम का पीठाधीश्वर बना दिया गया। 

अब उनके दादा जी की समाधी के बाद  वही धाम का सारा कार्यभार सँभालते हैं। यहीं पर महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का भव्य दरबार लगता है।  जहां आकर लोग अपनी समस्या का समाधान पाते हैं।

हफ्ते में एक दिन हर मंगलवार को वो ही यहां पर बजरंगबली की आराधना करते हैं और लोगों की अनेको प्रकार की समस्याओं का समाधान करते हैं। 

क्या सच में हैं महाराज धीरेन्द्र कृष्ण चमत्कारी बाबा (Dhirendra Krishna Shastri Bageshwar Baba Magic real or fake?)

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण हफ्ते में एक दिन हर मंगलवार को बागेश्वर धाम में गद्दी लगाते हैं और कथावाचन करते हैं।  वो लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और उन समस्याओं के निपटारे के लिए समाधान बताते हैं। 

धीरे-धीरे लोगों के मन में महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के लिए धरना बन गयी है की वो चमत्कार करते हैं और वो बिना बताये ही लोगों के मन की बातों को समझकर उनका समाधान बताते हैं।  सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो उपलब्ध हैं जिनमें वो भक्तों के बिना बताये ही उनके मन की बात को समझ लेते हैं और उनकी समस्या का समाधान बताते हैं।  यही वजह है की लोग उनको चमत्कारी बाबा मैंने लगे हैं। 

हजारों-लाखों लोग महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पास जाते हैं और अपनी परेशानी उन्हें बताकर उनका हल जानते हैं।  मान्यता हैं की जो भी यहां हाजरी लगाने आता है वो कभी भी खली हाथ वापस लौट कर नहीं जाता है। हाजरी लगाने के लिए एक विशेष प्रक्रिया है जिसमे भक्त लोग एक हाजरी पर्ची पर अपना नाम लिखकर एक बॉक्स में डाल देते हैं।  

उसके बाद उस बॉक्स में से पर्चियां निकली जाती हैं और महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर्ची में लिखा नाम पढ़ते हैं और नाम पढ़कर ही उस व्यक्ति के बारे में सब बता देते हैं। और वह व्यक्ति जिसका नाम पर्ची में लिखा होता है वह सबके सामने स्वीकार करता है की बाबा ने उनके बारे में सब कुछ सही बताया है। 

बागेश्वर धाम के टोकन कैसे मिलते हैं?

बागेश्वर धाम में आने वाले श्रद्धालओं को इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि यहां धाम में धाम की सेवा समिति श्रद्धालुओं के लिए टोकन जारी करते हैं और अगर आप पहली बार बागेश्वर धाम के दर्शन करने आये हैं तो आपको सबसे पहले मंदिर सेवा समिति से टोकन लेना होगा। और आपको यह टोकन तब ही प्राप्त होगा जब आप अपना नाम और मोबाइल नंबर समिति के पास रजिस्टर करवाते हो।

नाम और नंबर दर्ज करवाने के बाद आपको टोकन मिल जाता है।

यहां ये भी जानना जरूरी है कि टोकन वितरित करने के लिए मंदिर सेवा समिति द्वारा कुछ विशिष्ट तिथियॉ निर्धारित की जाती हैं। उन तिथियों के बारे में आपको समिति के कर्मचारियों द्वारा जानकारी मिल जाएगी। और आप मंदिर जा कर टोकन ले सकते हैं, टोकन मिलने के बाद आप दर्शन के लिए जा सकते हैं और आपकी अर्जी बागेश्वर धाम में लग जाती है।

क्या है महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर विवाद (Bageshwar Dham Baba Controversy)

बीते कुछ दिनों महाराज धीरेन्द्र कृष्ण विवादों का विषय बने हुए हैं।  उन पर कई लोगों द्वारा अंधविश्वास फैलाने के  आरोप लगाये गए  है। अभी पिछले कुछ दिनों में उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर एक कैम्पेन देखने को मिला। जिसमें उनके विरोध में कड़ी बाते लिखी गई  हैं और उनकी निंदा की गयी है।  और  ये भी बताया गया है की वो लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। 

मुख्या रूप से इन आरोपों को नागपुर, महाराष्ट्र की एक संस्था (अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति) ने लगाया है। अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति समिति के सदस्य श्याम मोहन ने ये आरोप लगाए हैं और उनका कहना है उन्होंने काफी सरे वीडियोस देखें हैं जिनसे ये साबित होता है की महाराज धीरेन्द्र शास्त्री समाज में अंधविश्वास फैला रहे हैं और लोगों की भावनाओ को आहत कर रहे हैं। 

जब महाराज धीरेन्द्र कृष्ण नागपुर, महाराष्ट्र में अपना एक प्रोग्राम कर रहे थे तो श्याम मोहन ने उन्हें एक खुली चुनौती दी थी कि वो नागपुर में चमत्कार करके दिखाएँ।  उनका कहना था की अगर महाराज चमत्कार करने में सफल हो जाये तो उन्हें ३० लाख की धनराशि दी जाएगी।  

श्याम मोहन का कहना है की महाराज चुनौती स्वीकार किये बिना यहां से भाग गए। 

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण ने विवाद पर क्या बयान दिया (Dhirendra Shastri Bageshwar Baba Statement on controversy)

इस पुरे विवाद के बाद महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का विवाद पर बयान आता है और वो अपने बयान में कहते हैं कि 
"हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार"  इसका मतलब ये है कि बोलता वही  है जिसमें कुछ करने का दम नहीं होता। हम सालों से बोल रहे हैं कि, हम चमत्कारी नहीं हैं, ना ही कोई गुरू हैं।

 उन्होंने कहा हैं की हम कोई चमत्कार करना नहीं जानते हैं और ये बात हम पिछले कई वर्षों से कह रहे हैं।  वो आगे कहते हैं कि हम सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार बालाजी के सेवक हैं। अगर कोई हमें चुनौती दे रहा है तो वो खुद यहां आकर हमारे काम को देख सकता है। हम अपनी जगह छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की लाइफस्टाइल  (Dhirendra Shastri Lifestyle)

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की लाइफस्टाइल अमीरों वाली है। वर्तमान समय में उनके पास कई साडी पर्सनल कारें मौजूद हैं। इनका प्रयोग वो अक्सर बाहर जाने के लिए करते हैं। 

इनकी प्रमिख कारों में  एक है टाटा मोटर की फेवरिट एसयूवी टाटा सफारी जिसका प्रयोग वो अक्सर मंदिर आने के लिए करते हैं या फिर जब उन्हें आस - पास प्रवचन के लिए जाना हो। महाराज जी के पाद ऐसी अनेक कीमती गाड़ियां उपलब्ध हैं। 

महाराज धीरेन्द्र कृष्ण का नेटवर्थ (Dhirendra Shastri Net Worth)

बागेश्वर धाम बाबा का जन्म एक गरीब परिवार में जरूर हुआ था लेकिन आज उनकी कमाई सुनकर आप दंग रह जोरंगे। आजकल वो प्रतिदिन के हिसाब से 7 से 8 कमा रहे हैं।  वहीँ अगर प्रतिमाह की बात करें तो वो लगभग 3 से 3.5 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। और उनकी वर्तमान नेट वर्थ की बात करें तो वो लगभग 19.5 करोड़ तक पहुँच है और बढ़ती  रही है।  


Q : धीरेंद्र शास्त्री की उम्र कितनी है?

Ans : 26 साल

Q : क्या महाराज धीरेन्द्र कृष्ण  की शादी हो चुकी है ?

Ans : नहीं, वो अभी भी अविवाहित ही हैं।

Q : बागेश्वर धाम में किस भगवान का मंदिर है?
Ans :
हनुमान जी का 
Q : महाराज धीरेन्द्र कृष्ण के गुरू का क्या नाम है?

Ans : उनके दादाजी का नाम भगवान दास गर्ग।

Q : महाराज धीरेन्द्र कृष्ण किस परिवार से सम्बन्ध रखते हैं?

Ans : महाराज धीरेन्द्र कृष्ण एक ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध  रखते हैं।

Q : महाराज धीरेन्द्र कृष्ण पर किसने विवादित टिप्पणी की?

Ans : महाराज धीरेन्द्र कृष्ण पर नागपुर की एक संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति ने विवादित टिप्पणी की।

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